1.1 अविभाजित राज्य उत्तर प्रदेष में अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा वित्त तथा वेतन आयोग हेतु समस्त राज्य सरकार तथा स्थानीय निकायों से संबंधित कर्मचारियों के वेतन वर्ग, श्रेणी, लिंग तथा वर्गवार संख्या तथा देय वेतन भत्ते से संबंधित सूचनाऐं प्रत्येक वर्श एकत्र की जाती थी। राज्य विभाजन के उपरान्त उत्तरांचल में भी तद्नुसार ही अर्थ एवं संख्या विभाग द्वारा कर्मचारियों के आंकड़े नियमित रूप से एकत्र किये जा रहे हैं।
1.2 जनपद के प्रत्येक राजकीय कार्यालय तथा स्थानीय निकायों से सूचना एकत्र करने का दायित्व जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी का है। किये जा रहे आंकड़ों के संग्रह तथा संकलन के निर्देष पूर्वानुसार हैं। संग्रह हेतु निर्धारित प्रारूप का प्रपत्र इस पुस्तिका के अन्त में परिषिश्ट-क पर दर्षाया गया है। प्रत्येक वर्श जनपद के कोशागार से समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों की सूची तथा सेवायोजन कार्यालयों से कार्यालयों की सूची प्राप्त कर सूचना संग्रह हेतु एक फ्रेम तैयार किया जाता है। भलीभाॅति परिक्षण कर यह सुनिष्चित किया जाता है कि कोई कार्यालय छूटा तो नहीं है अथवा किसी कार्यालय की पुनरावृत्ति तो नहीं हुई है। इस प्रकार तैयार की गयी अन्तिम सूची के अनुसार प्रत्येक कार्यालय को दो-दो प्रतियों में निर्धारित प्रारूप पे्रशित किया जाता है ताकि वे संबंधित सूचनाऐं भर कर उपलब्ध करा सकें। सूचना भरने में किसी भी प्रकार की षंका के निवारण हेतु अर्थ एवं संख्या विभाग के प्रषिक्षित प्रावैधिक कर्मचारियों को सहयोग के लिए निर्दिश्ट कार्यालय में भेजा जाता है। अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय में प्रत्येक भरे प्रपत्र के परिनिरीक्षण में त्रुटियंा होने पर संबंधित कार्यालय से निराकरण प्राप्त किया जाता है। इस प्रकार सही-सही भरे गए प्रत्येक प्रपत्र संकलित कर उप निदेषक (अर्थ एवं संख्या) कार्यालय में जाॅच के लिए भेजा जाता है, तदोपरान्त ही समस्त सूचनाऐं निदेषालय को उपलब्ध करायी जाती हैं।
1.3 31 मार्च, 2001 के अनुसार उत्तरांचल राज्य में राज्य सरकार के कुल 2658 तथा स्थानीय निकाय के कुल 115 कार्यालयों से निर्धारित प्रारूप में सूचनाऐं एकत्र करायी गयी जिसका विस्तृत विवरण इस प्रकाषन के विभिन्न तालिकाओं में दर्षाया गया है।
2-सिंहावलोकन
31 मार्च,2001 की स्थिति के अनुसार उत्तरांचल राज्य के समस्त विभागों में कुल 123453 पद स्वीकृत थे, जिसके सापेक्ष 102028 पदों पर कर्मचारी कार्यरत थे। इस प्रकार कुल 21425 पद रिक्त पाये गए जोकि स्वीकृत पदों का 17 प्रतिषत है। उल्लेखनीय है उक्त अवधि में अधिकांष विभागों के ढंाचे तैयार नहीं हुए थे। कार्यरत कर्मचारियों में तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या सर्वाधिक 62393 तथा उसके पश्चात् क्रमषः चतुर्थ श्रेणी के 34006, द्वितीय श्रेणी के 4252 तथा प्रथम श्रेणी के 1357 कर्मचारी थे। कार्यरत कुल कर्मचारियों में से 9246 महिला, 18734 अनुसूचित जाति तथा 2309 अनुसूचित जनजाति के थे। वित्तीय वर्श 2000-01 में नियमित सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्ते आदि पर कुल 90105 लाख रूपये में तथा अल्पकालिक कर्मचारियों पर 4390 लाख रूपये व्यय किया गया। आलोच्य वर्श में प्रति कर्मचारी औसत मासिक वेतन रूपये 7350 रहा।
2.1 उत्तरांचल के स्थानीय निकाय के अन्तर्गत 31 मार्च, 2001 को कुल 10586 पद स्वीकृत थे जिसके सापेक्ष 10105 पदों पर कर्मचारी कार्यरत थे। स्थानीय निकायों में सर्वाधिक 7826 कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के, तदोपरान्त क्रमषः तृतीय, द्वितीय तथा प्रथम श्रेणी के 2106, 134 तथा 39 कर्मचारी थे। स्थानीय निकायों में महिला कर्मचारियों की संख्या 1742, अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की संख्या 4572 तथा अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों की संख्या 77 थी। समस्त कर्मचारियों पर वित्तीय वर्श 2000-01 में वेतन भत्ते आदि पर 5773 लाख रूपये तथा अल्पकालिक कर्मचारियों पर 568 लाख रूपये व्यय किया गया। इस प्रकार स्थानीय निकाय के कर्मचारी की औसत उपलब्धि 4761 रूपये प्रति माह रही।
2.2 सरकारी कार्यालयों मंे सर्वाधिक कर्मचारी 24894 षिक्षा विभाग में कार्यरत थे। पुलिस, चिकित्सा तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग क्रमषः दूसरे, तीसरे तथा चतुर्थ स्थान पर रहे, जिनमें क्रमषः 15140, 11450 तथा 8323 कर्मचारी कार्यरत थे सबसे कम कर्मचारी 42 मनोरंजन कर विभाग में कार्यरत थे।
2.3 वर्श 2001 की जनगणनानुसार प्रति लाख जनसंख्या पर समस्त विभागों में 1202 कर्मचारी कार्यरत थे जिनमें से प्रतिलाख जनसंख्या पर सर्वाधिक कर्मचारी 293 षिक्षा विभाग में तथा तत्पश्चात 178 पुलिस विभाग में, 135 चिकित्सा विभाग में तथा 98 सार्वजनिक विभाग में कार्यरत थे।
2.4 उल्लेखनीय है कि आलोच्य अवधि में सरकारी विभागों के अन्तर्गत विद्युत, लोक सेवा आयोग, निबन्धन फर्म एवं सम्पत्तियंा तथा सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक अनुसंधान विभाग का कोई भी कार्यालय उत्तरांचल में नहीं था।